Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -25-Feb-2023


इश्क किया है कभी तुमने
जायज किया या नाजायज
ये जान नहीं पाए अब तक
या भटक रहे अब तक शायद।

इश्क रंगीन होता है देखो कभी
तुम्हे सपने भी रंगीन आएंगे
कभी खुशी में चुप कर देंगे
कभी खामोशी में हंसाएंगे।

पर रुको गलत न समझो
पहले इश्क को पहचानो तो
तुम झूठ को सच समझते हो
पहले तुम सच को सच मानो तो।

इश्क तुम्हें खुशी नहीं देगा
न ही तुमको क्षणिक संसर्ग देगा
ये शक्ति देगा तप देगा पुरुषार्थ देगा
तुमको इंद्र बनाकर स्वर्ग देगा।

तुमसे लड़ेगा जगायेगा जलाएगा
तुम्हें मानव से महामानव बना देगा
तुम्हारे तुच्छ इच्छाओं को मिटाकर
तुमको बुद्ध का दर्जा दिला देगा।

ये जायज इश्क होगा जिसमें
खुद को खोकर उपयोगी बन जाना है
और वो नाजायज इश्क के फंदे
इनसे सदा खुद को बचाना है।

नाजायज इश्क क्या देगा 
सुख की झूठी धूमिल आशा
तुम पागल हो रह जाओगे
खोकर जीवन की प्रत्याशा।

तो उठो चुनो सच्चाई को
और श्रेष्ठ सफल इंसान बनो
जायज नाजायज पहचानो
आदरणीय महान बनो।





   20
4 Comments

बेहतरीन बेहतरीन बेहतरीन

Reply

Alka jain

01-Mar-2023 06:46 PM

Nice 👍🏼

Reply

Renu

26-Feb-2023 05:59 PM

👍👍🌺

Reply